Contents
- 1 Child Development and Pedagogy Test – 1
- 1.1 Child Development and Pedagogy Test - 1
- 1.1.1 Child Development and Pedagogy Mock Test All Set :- Click here
- 1.1.1.0.1 1. Question
- 1.1.1.0.2 2. Question
- 1.1.1.0.3 3. Question
- 1.1.1.0.4 4. Question
- 1.1.1.0.5 5. Question
- 1.1.1.0.6 6. Question
- 1.1.1.0.7 7. Question
- 1.1.1.0.8 8. Question
- 1.1.1.0.9 9. Question
- 1.1.1.0.10 10. Question
- 1.1.1.0.11 11. Question
- 1.1.1.0.12 12. Question
- 1.1.1.0.13 13. Question
- 1.1.1.0.14 14. Question
- 1.1.1.0.15 15. Question
- 1.1.1.0.16 16. Question
- 1.1.1.0.17 17. Question
- 1.1.1.0.18 18. Question
- 1.1.1.0.19 19. Question
- 1.1 Child Development and Pedagogy Test - 1
Child Development and Pedagogy Test – 1
नमस्कार दोस्तों ! इस पोस्ट में आपको Child Development and Pedagogy (बाल मनोविज्ञान एवं शिक्षाशास्त्र) के मोक टेस्ट / mock test, ऑनलाइन टेस्ट / online test, प्रेक्टिस सेट / practise set, महत्वपूर्ण प्रश्न / important questions, mcq, quiz उपलब्ध करवाने वाले है।
Child Development and Pedagogy Test - 1
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Questions:
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- 5
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- 8
- 9
- 10
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- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
Information
1. Total Questions – 20
2. Total Marks – 20
4. एक टेस्ट को आप एक से ज्यादा बार भी दे सकते है।
5. यदि किसी प्रश्न में गलती हो तो आप हमे comment section में अवश्य बताये ताकि उस गलती को हम सुधार सके।
6. टेस्ट की भाषा (Language) बदलने का option नीचे दिया गया है।
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Child Development and Pedagogy
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- Answered
- Review
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Question 1 of 19
1. Question
1 pointsQ1.किस मनोवैज्ञानिक ने अपने 3 ½ वर्षीय पुत्र पर अध्ययन किया?
Correct
व्याख्या :- बालक के विकास का प्रथम बार वैज्ञानिक विवरण 18वीं शताब्दी (1774 ई.) में 'पेस्टॉलॉजी' ने प्रस्तुत किया। इनका यह विवरण अपने स्वयं के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र पर 'बेबी बायोग्राफी' (बाल कथा) पर आधारित था।व्याख्या :- बालक के विकास का प्रथम बार वैज्ञानिक विवरण 18वीं शताब्दी (1774 ई.) में 'पेस्टॉलॉजी' ने प्रस्तुत किया। इनका यह विवरण अपने स्वयं के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र पर 'बेबी बायोग्राफी' (बाल कथा) पर आधारित था।
Incorrect
Unattempted
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Question 2 of 19
2. Question
1 pointsQ2.बालक अपनी माँ को पहचानना प्रारम्भ कर देता है
Correct
व्याख्या :-3 माह-माँ को पहचानने लगता है और उससे अलग होने परदुःखी होता है।4 माह – बालक बातें करने पर रोना बन्द कर देता है एवं अपने आपको उठाने के लिए बाहें फैलाने लगता है।5 माह – बालक क्रोध पूर्ण ध्वनि एवं मितृत्व ध्वनियों में अन्तरकरना प्रारम्भ करता है एवं क्रोध व प्रेम का भाव प्रकट करने लगता है।6 माह – अपने लोगों को पहचानने लगता है व पराये से डरनेलगता है।
Incorrect
व्याख्या :-3 माह-माँ को पहचानने लगता है और उससे अलग होने परदुःखी होता है।4 माह – बालक बातें करने पर रोना बन्द कर देता है एवं अपने आपको उठाने के लिए बाहें फैलाने लगता है।5 माह – बालक क्रोध पूर्ण ध्वनि एवं मितृत्व ध्वनियों में अन्तरकरना प्रारम्भ करता है एवं क्रोध व प्रेम का भाव प्रकट करने लगता है।6 माह – अपने लोगों को पहचानने लगता है व पराये से डरनेलगता है।
Unattempted
व्याख्या :-3 माह-माँ को पहचानने लगता है और उससे अलग होने परदुःखी होता है।4 माह – बालक बातें करने पर रोना बन्द कर देता है एवं अपने आपको उठाने के लिए बाहें फैलाने लगता है।5 माह – बालक क्रोध पूर्ण ध्वनि एवं मितृत्व ध्वनियों में अन्तरकरना प्रारम्भ करता है एवं क्रोध व प्रेम का भाव प्रकट करने लगता है।6 माह – अपने लोगों को पहचानने लगता है व पराये से डरनेलगता है।
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Question 3 of 19
3. Question
1 pointsQ3.इस अवस्था को मिथ्या-पक्वता का समय भी कहा जाता है-[REET L-II 2016]
Correct
व्याख्या :-बाल्यावस्था :-जीवन का अनोखा काल (कॉल एवं बुश ने कहा)जीवन का निर्माणकारी काल (सिगमण्ड फ्रायडने कहा)प्रतिद्वन्द्वात्मक समाजीकरण का काल 'किलपैट्रिक ने कहा' (सर्वाधिक सामाजिक विकास)छद्म मिथ्या परिपक्वता का काल (रॉस ने कहा)व्याख्या :-
Incorrect
बाल्यावस्था :-जीवन का अनोखा काल (कॉल एवं बुश ने कहा)जीवन का निर्माणकारी काल (सिगमण्ड फ्रायडने कहा)प्रतिद्वन्द्वात्मक समाजीकरण का काल 'किलपैट्रिक ने कहा' (सर्वाधिक सामाजिक विकास)छद्म मिथ्या परिपक्वता का काल (रॉस ने कहा)
Unattempted
बाल्यावस्था :-जीवन का अनोखा काल (कॉल एवं बुश ने कहा)जीवन का निर्माणकारी काल (सिगमण्ड फ्रायडने कहा)प्रतिद्वन्द्वात्मक समाजीकरण का काल 'किलपैट्रिक ने कहा' (सर्वाधिक सामाजिक विकास)छद्म मिथ्या परिपक्वता का काल (रॉस ने कहा)
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Question 4 of 19
4. Question
1 pointsQ4.ब्रिजेस के अनुसार उत्तेजना भाग है-
Correct
व्याख्या :-ब्रिजेस के अनुसार बालक का संवेगात्मक विकासजन्म के समय – उत्तेजना3 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट6 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट , भय, घृणा, क्रोध
Incorrect
व्याख्या :-ब्रिजेस के अनुसार बालक का संवेगात्मक विकासजन्म के समय – उत्तेजना3 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट6 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट , भय, घृणा, क्रोध
Unattempted
व्याख्या :-ब्रिजेस के अनुसार बालक का संवेगात्मक विकासजन्म के समय – उत्तेजना3 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट6 माह – उत्तेजना, आनंद, कष्ट , भय, घृणा, क्रोध
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Question 5 of 19
5. Question
1 pointsQ6.मैक्डूगल के अनुसार, मूल प्रवृत्ति जिज्ञासा का सम्बन्ध संवेग कौनसा है? [छत्तीसगढ़ TET-I लेवल-2011]
Correct
व्याख्या :-मैक्डूगल के अनुसार :-Ø संवेग :- मूल प्रवृत्तिØ भय :- पलायनØ वातसल्य :- संतान कामनाØ आत्महीनता :- दैन्यØ भूख :- भोजनान्वेषणØ घृणा :- निर्वृतिØ आत्माभिमान :- गौरवØ आश्चर्य :- जिज्ञासाØ क्रोध :- युयुत्साØ अधिकार :- संग्रहणØ आमोद :- हास्यØ कृति भाव :- रचनात्मकØ कामुकता :- काम्रवतीØ एकांकीपन :- सामूहिकताØ करुणा व दुःख :- शरणागति
Incorrect
व्याख्या :-मैक्डूगल के अनुसार :-Ø संवेग :- मूल प्रवृत्तिØ भय :- पलायनØ वातसल्य :- संतान कामनाØ आत्महीनता :- दैन्यØ भूख :- भोजनान्वेषणØ घृणा :- निर्वृतिØ आत्माभिमान :- गौरवØ आश्चर्य :- जिज्ञासाØ क्रोध :- युयुत्साØ अधिकार :- संग्रहणØ आमोद :- हास्यØ कृति भाव :- रचनात्मकØ कामुकता :- काम्रवतीØ एकांकीपन :- सामूहिकताØ करुणा व दुःख :- शरणागति
Unattempted
व्याख्या :-मैक्डूगल के अनुसार :-Ø संवेग :- मूल प्रवृत्तिØ भय :- पलायनØ वातसल्य :- संतान कामनाØ आत्महीनता :- दैन्यØ भूख :- भोजनान्वेषणØ घृणा :- निर्वृतिØ आत्माभिमान :- गौरवØ आश्चर्य :- जिज्ञासाØ क्रोध :- युयुत्साØ अधिकार :- संग्रहणØ आमोद :- हास्यØ कृति भाव :- रचनात्मकØ कामुकता :- काम्रवतीØ एकांकीपन :- सामूहिकताØ करुणा व दुःख :- शरणागति
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Question 6 of 19
6. Question
1 pointsQ7.किस मनोवैज्ञानिकके अनुसार 'विकास एक सतत् और धीमी-धीमी प्रक्रिया है।” [III ग्रेड शिक्षक-2012,छत्तीसगढ़ TET-L-I-2011]
Correct
व्यख्या :-प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक फ्रैंक ने कहा है-“कोशिकीय गुणात्मक वृद्धि ही अभिवृद्धि है।”हॉरलॉक के अनुसार-“विकास, अभिवृद्धि तक ही सीमित नहीं है, इसके बजाय, इसमें परिपक्वता के लक्ष्य की ओर परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित रहता है। विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती हैं।”
Incorrect
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक फ्रैंक ने कहा है-“कोशिकीय गुणात्मक वृद्धि ही अभिवृद्धि है।”हॉरलॉक के अनुसार-“विकास, अभिवृद्धि तक ही सीमित नहीं है, इसके बजाय, इसमें परिपक्वता के लक्ष्य की ओर परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित रहता है। विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती हैं।”
Unattempted
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक फ्रैंक ने कहा है-“कोशिकीय गुणात्मक वृद्धि ही अभिवृद्धि है।”हॉरलॉक के अनुसार-“विकास, अभिवृद्धि तक ही सीमित नहीं है, इसके बजाय, इसमें परिपक्वता के लक्ष्य की ओर परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित रहता है। विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती हैं।”
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Question 7 of 19
7. Question
1 pointsQ8.”बालक में सर्वप्रथम भय, क्रोध तथा प्रेम के संवेग विकसित होते है।”कथन है-
Correct
Incorrect
Unattempted
-
Question 8 of 19
8. Question
1 pointsQ9. “शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान, कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।” यह कथन किसका है?
Correct
व्याख्या :-सर्वप्रथम बकिंघम ने अपनी पुस्तक 'Research for Teachers' में इसका उल्लेख किया है। क्रियात्मक अनुसंधान को कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन एवं कोरे ने 1953 ई. में शिक्षा जगत में स्थायी रूप से प्रतिष्ठित किया था
Incorrect
व्याख्या :-सर्वप्रथम बकिंघम ने अपनी पुस्तक 'Research for Teachers' में इसका उल्लेख किया है। क्रियात्मक अनुसंधान को कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन एवं कोरे ने 1953 ई. में शिक्षा जगत में स्थायी रूप से प्रतिष्ठित किया था
Unattempted
व्याख्या :-सर्वप्रथम बकिंघम ने अपनी पुस्तक 'Research for Teachers' में इसका उल्लेख किया है। क्रियात्मक अनुसंधान को कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन एवं कोरे ने 1953 ई. में शिक्षा जगत में स्थायी रूप से प्रतिष्ठित किया था
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Question 9 of 19
9. Question
1 pointsQ10.शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत कक्षा 1 से 5 तक 150 से अधिक बालकों के प्रवेश पर अध्यापक – छात्र अनुपात निर्देशित किया गया है।
Correct
व्याख्या :-छात्रों की संख्या पर – शिक्षकों की संख्या60 बच्चों पर – दो शिक्षक61 से 90 बच्चों पर – तीन शिक्षक91 से 120 बच्चों पर – चार शिक्षक121 से 200 बच्चों पर – पाँच शिक्षक150 से अधिक होने पर – पाँच शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक200 से अधिक होने पर – इनका अनुपात 40: 1 रहेगा। (प्रधानाध्यापक को छोड़कर)
Incorrect
व्याख्या :-छात्रों की संख्या पर – शिक्षकों की संख्या60 बच्चों पर – दो शिक्षक61 से 90 बच्चों पर – तीन शिक्षक91 से 120 बच्चों पर – चार शिक्षक121 से 200 बच्चों पर – पाँच शिक्षक150 से अधिक होने पर – पाँच शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक200 से अधिक होने पर – इनका अनुपात 40: 1 रहेगा। (प्रधानाध्यापक को छोड़कर)
Unattempted
व्याख्या :-छात्रों की संख्या पर – शिक्षकों की संख्या60 बच्चों पर – दो शिक्षक61 से 90 बच्चों पर – तीन शिक्षक91 से 120 बच्चों पर – चार शिक्षक121 से 200 बच्चों पर – पाँच शिक्षक150 से अधिक होने पर – पाँच शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक200 से अधिक होने पर – इनका अनुपात 40: 1 रहेगा। (प्रधानाध्यापक को छोड़कर)
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Question 10 of 19
10. Question
1 pointsQ11.शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में एक अध्यापक के लिए न्यूनतम कार्य घण्टे प्रति सप्ताह निर्धारित किये गये हैं ? [RTET II लेवल-2011]
Correct
व्याख्या :-न्यूनतम कार्य दिवस (कक्षा 1 से 5) – 200 दिवसन्यूनतम कार्य दिवस-(कक्षा 6 से 8) – 220 दिवसन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 1 से 5) – 800 शैक्षिक घण्टेन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 6 से 8) -1000 शैक्षिक घण्टेशिक्षण के लिए एक सप्ताह में न्यूनतम कार्य के 45 घण्टे होते है।
Incorrect
व्याख्या :-न्यूनतम कार्य दिवस (कक्षा 1 से 5) – 200 दिवसन्यूनतम कार्य दिवस-(कक्षा 6 से 8) – 220 दिवसन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 1 से 5) – 800 शैक्षिक घण्टेन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 6 से 8) -1000 शैक्षिक घण्टेशिक्षण के लिए एक सप्ताह में न्यूनतम कार्य के 45 घण्टे होते है।
Unattempted
व्याख्या :-न्यूनतम कार्य दिवस (कक्षा 1 से 5) – 200 दिवसन्यूनतम कार्य दिवस-(कक्षा 6 से 8) – 220 दिवसन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 1 से 5) – 800 शैक्षिक घण्टेन्यूनतम शैक्षिक घण्टे-(कक्षा 6 से 8) -1000 शैक्षिक घण्टेशिक्षण के लिए एक सप्ताह में न्यूनतम कार्य के 45 घण्टे होते है।
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Question 11 of 19
11. Question
1 pointsQ12. निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए सीटें आरक्षित हैं ? [III ग्रेड शिक्षक भर्ती-2012]
Correct
व्याख्या :-धारा 12 के अन्तर्गत इसमें प्रावधान है कि प्राइवेट (निजी) विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें गरीब, दुर्बल व वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होगी।
Incorrect
व्याख्या :-धारा 12 के अन्तर्गत इसमें प्रावधान है कि प्राइवेट (निजी) विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें गरीब, दुर्बल व वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होगी।
Unattempted
व्याख्या :-धारा 12 के अन्तर्गत इसमें प्रावधान है कि प्राइवेट (निजी) विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें गरीब, दुर्बल व वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होगी।
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Question 12 of 19
12. Question
1 pointsQ13.मूल्यांकन की प्रक्रिया को त्रिकोणात्मक रूप से किसने प्रस्तुत किया-
Correct
व्याख्या :-मूल्यांकन की विचारधारा बी. एस. ब्लूम ने दी तथा मूल्यांकन शब्द को पाठ योजना में हरबर्ट स्पेन्सर ने जोड़ा। बी. एस. ब्लूम ने मूल्यांकन को त्रि-मुखी बताया। डॉ. बी.एस. ब्लूम के अनुसार :- भावात्मक उद्देश्य, ज्ञानात्मक उद्देश्य, क्रियात्मक उद्देश्य
Incorrect
व्याख्या :-मूल्यांकन की विचारधारा बी. एस. ब्लूम ने दी तथा मूल्यांकन शब्द को पाठ योजना में हरबर्ट स्पेन्सर ने जोड़ा। बी. एस. ब्लूम ने मूल्यांकन को त्रि-मुखी बताया। डॉ. बी.एस. ब्लूम के अनुसार :- भावात्मक उद्देश्य, ज्ञानात्मक उद्देश्य, क्रियात्मक उद्देश्य
Unattempted
व्याख्या :-मूल्यांकन की विचारधारा बी. एस. ब्लूम ने दी तथा मूल्यांकन शब्द को पाठ योजना में हरबर्ट स्पेन्सर ने जोड़ा। बी. एस. ब्लूम ने मूल्यांकन को त्रि-मुखी बताया। डॉ. बी.एस. ब्लूम के अनुसार :- भावात्मक उद्देश्य, ज्ञानात्मक उद्देश्य, क्रियात्मक उद्देश्य
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Question 13 of 19
13. Question
1 pointsQ14.सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन में, व्यापक मूल्यांकन शब्दावली से तात्पर्य है? [उत्तराखण्ड TET-I लेवल-2011]
Correct
व्याख्या :-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में कहा गया कि सतत् और व्यापक मूल्यांकन में मूल्यांकन के शैक्षिक और सहशैक्षिक दोनों पक्ष शामिल हो (व्यापकता/समग्रता) और यह शिक्षा की सम्पूर्ण अवधि (सतत्) के लिए हो, पर जोर देती है।
Incorrect
व्याख्या :-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में कहा गया कि सतत् और व्यापक मूल्यांकन में मूल्यांकन के शैक्षिक और सहशैक्षिक दोनों पक्ष शामिल हो (व्यापकता/समग्रता) और यह शिक्षा की सम्पूर्ण अवधि (सतत्) के लिए हो, पर जोर देती है।
Unattempted
व्याख्या :-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में कहा गया कि सतत् और व्यापक मूल्यांकन में मूल्यांकन के शैक्षिक और सहशैक्षिक दोनों पक्ष शामिल हो (व्यापकता/समग्रता) और यह शिक्षा की सम्पूर्ण अवधि (सतत्) के लिए हो, पर जोर देती है।
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Question 14 of 19
14. Question
1 pointsQ15.शिक्षण प्रक्रिया में विद्यार्थी है [REET L-1 2016]
Correct
Incorrect
Unattempted
-
Question 15 of 19
15. Question
1 pointsQ16.किसी व्यक्ति द्वारा अपना अस्तित्व भूलाकर किसी दूसरे व्यक्ति के गुणों व अवगुणों का अनुकरण करना कहलाता है ?” [गणित-II ग्रेड-2010]
Correct
व्याख्या :-आत्मीकरण / तादात्मीकरण विधि-इस युक्ति में प्रायः व्यक्ति कुसमायोजन की स्थिति अथवा परिस्थिति में किसी महान आध्यात्मिक गुरु, आदर्श पुरुष, महान पुरुष, राजनैतिक गुरु, धार्मिक पुरुष आदि का अनुगमन अथवा आत्मीकरण करता है। वे उनके द्वारा बताये गये या प्रतिपादित किये गये मार्गों का अनुसरण करता है तथा सदैव समायोजन स्थापित करने का प्रयास करता है। किशोरावस्था में इस युक्ति का सर्वाधिक प्रयोग देखा जाता है।
Incorrect
व्याख्या :-आत्मीकरण / तादात्मीकरण विधि-इस युक्ति में प्रायः व्यक्ति कुसमायोजन की स्थिति अथवा परिस्थिति में किसी महान आध्यात्मिक गुरु, आदर्श पुरुष, महान पुरुष, राजनैतिक गुरु, धार्मिक पुरुष आदि का अनुगमन अथवा आत्मीकरण करता है। वे उनके द्वारा बताये गये या प्रतिपादित किये गये मार्गों का अनुसरण करता है तथा सदैव समायोजन स्थापित करने का प्रयास करता है। किशोरावस्था में इस युक्ति का सर्वाधिक प्रयोग देखा जाता है।
Unattempted
व्याख्या :-आत्मीकरण / तादात्मीकरण विधि-इस युक्ति में प्रायः व्यक्ति कुसमायोजन की स्थिति अथवा परिस्थिति में किसी महान आध्यात्मिक गुरु, आदर्श पुरुष, महान पुरुष, राजनैतिक गुरु, धार्मिक पुरुष आदि का अनुगमन अथवा आत्मीकरण करता है। वे उनके द्वारा बताये गये या प्रतिपादित किये गये मार्गों का अनुसरण करता है तथा सदैव समायोजन स्थापित करने का प्रयास करता है। किशोरावस्था में इस युक्ति का सर्वाधिक प्रयोग देखा जाता है।
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Question 16 of 19
16. Question
1 pointsQ17.तनाव को कम करने का अप्रत्यक्ष ढंग कौनसा है- [बाराँ द्वितीय लेवल तृतीय श्रेणी-2013 ]
Correct
Incorrect
Unattempted
-
Question 17 of 19
17. Question
1 pointsQ18.सृजनात्मकता संबंधित है- [अलवर तृतीय श्रेणी-2013]
Correct
व्याख्या :-1.अपसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन एवं उच्च स्तरीय होता है और नया होता है, अपसारी चिंतन कहलाता है।इस चिंतन को विकेन्द्रीकरण चिंतन भी कहते हैं। अपसारी चिंतन सृजनशील बालक का चिंतन होता है।2.अभिसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन, उच्च स्तरीय, रूढ़िवादी एवं परम्परागत होता है, इसे अभिसारी चिंतन कहते हैं। इस चिंतन को केन्द्रीकृत चिंतन भी कहते हैं। अभिसारी चिंतन प्रतिभाशाली बालक का चिंतन होता है।
Incorrect
व्याख्या :-1.अपसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन एवं उच्च स्तरीय होता है और नया होता है, अपसारी चिंतन कहलाता है।इस चिंतन को विकेन्द्रीकरण चिंतन भी कहते हैं। अपसारी चिंतन सृजनशील बालक का चिंतन होता है।2.अभिसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन, उच्च स्तरीय, रूढ़िवादी एवं परम्परागत होता है, इसे अभिसारी चिंतन कहते हैं। इस चिंतन को केन्द्रीकृत चिंतन भी कहते हैं। अभिसारी चिंतन प्रतिभाशाली बालक का चिंतन होता है।
Unattempted
व्याख्या :-1.अपसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन एवं उच्च स्तरीय होता है और नया होता है, अपसारी चिंतन कहलाता है।इस चिंतन को विकेन्द्रीकरण चिंतन भी कहते हैं। अपसारी चिंतन सृजनशील बालक का चिंतन होता है।2.अभिसारी चिंतन-ऐसा चिंतन जो जटिल, कठिन, उच्च स्तरीय, रूढ़िवादी एवं परम्परागत होता है, इसे अभिसारी चिंतन कहते हैं। इस चिंतन को केन्द्रीकृत चिंतन भी कहते हैं। अभिसारी चिंतन प्रतिभाशाली बालक का चिंतन होता है।
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Question 18 of 19
18. Question
1 pointsQ19.निम्नलिखित में सृजनशीलता का प्रमुख तत्व क्या नहीं है ? [छत्तीसगढ़ TET-II लेवल-2011]
Correct
व्याख्या :-सृजनशीलता की विशेषताएँ1. जिज्ञासा2. ध्यान केन्द्रित करने की शक्ति3. साहसी4. मौलिकता एवं नवीनता5. दृढ़ निश्चयी6. धाराप्रवाहिता7. लचीलापन
Incorrect
व्याख्या :-सृजनशीलता की विशेषताएँ1. जिज्ञासा2. ध्यान केन्द्रित करने की शक्ति3. साहसी4. मौलिकता एवं नवीनता5. दृढ़ निश्चयी6. धाराप्रवाहिता7. लचीलापन
Unattempted
व्याख्या :-सृजनशीलता की विशेषताएँ1. जिज्ञासा2. ध्यान केन्द्रित करने की शक्ति3. साहसी4. मौलिकता एवं नवीनता5. दृढ़ निश्चयी6. धाराप्रवाहिता7. लचीलापन
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Question 19 of 19
19. Question
1 pointsQ20.डिस्लेक्सिया संबंधित है- [II Gr 2017]
Correct
व्याख्या :-अधिगम अक्षमता के प्रकारअफेसिया-भाषा ग्रहण में कठिनाईहाइपरलैक्सिया-वाक्यों की बिल्कुल समझ ना होनाडिसकैल्कुलिया-गणितीय गणनाएँ अशुद्ध करनाडिसलैक्सिया/डाइलेसिया-पठन संबंधी दोषडिसग्राफिया-शब्दों अथवा वाक्यों को त्रुटिपूर्ण लिखना/लेखन त्रुटि
Incorrect
व्याख्या :-अधिगम अक्षमता के प्रकारअफेसिया-भाषा ग्रहण में कठिनाईहाइपरलैक्सिया-वाक्यों की बिल्कुल समझ ना होनाडिसकैल्कुलिया-गणितीय गणनाएँ अशुद्ध करनाडिसलैक्सिया/डाइलेसिया-पठन संबंधी दोषडिसग्राफिया-शब्दों अथवा वाक्यों को त्रुटिपूर्ण लिखना/लेखन त्रुटि
Unattempted
व्याख्या :-अधिगम अक्षमता के प्रकारअफेसिया-भाषा ग्रहण में कठिनाईहाइपरलैक्सिया-वाक्यों की बिल्कुल समझ ना होनाडिसकैल्कुलिया-गणितीय गणनाएँ अशुद्ध करनाडिसलैक्सिया/डाइलेसिया-पठन संबंधी दोषडिसग्राफिया-शब्दों अथवा वाक्यों को त्रुटिपूर्ण लिखना/लेखन त्रुटि